लखनऊ की तर्ज पर जनपद में चलेगा 'पढ़े बांदा' अभियान

बांदा। प्रदेश की राज्यपाल के निर्देशानुसार जनपद बांदा के विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्व विद्यालय के छात्र एवं छात्राओं द्वारा “पढे लखनऊ' अभियान की तर्ज पर जनपद बांदा में “पढे बांदा" अभियान चलाया जायेगा। यह विचार जिलाधिकारी हीरा लाल ने कलेक्टेउट सभाकक्ष में जनपद के समस्त प्रधानाचार्यों की समीक्षा बैठक में व्यक्त किये।जिलाधिकारी ने प्रधानाचार्यों को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने-अपने विद्यालयों में साप्ताहिक समस्त छात्र/छात्राओं की अभिरूचि के अनुसार एवं प्रेरणा दायी पुस्तकों के माध्यम से 45 मिनट तक एक सर्किल सेफबनाकर स्टडी कराना सुनिश्चित करें और इस आयोजन की वीडियोग्राफ, फेटोग्राफ एवं अभिलेखीकरण किया जाना सनिश्चित किया जाए और उक्त कार्यक्रम हेतु जिला प्रशासन की वेब साइट में कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाली संस्थाओं एवं छात्र/छात्राओं का पंजीकरण ऑनलाइन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए और इसके बाद इस को कार्यक्रम को गिनीज बुक ऑफवर्ड रिकार्ड में दर्ज कराने हेतु विद्यालयों का स्थलीय निरीक्षण किया जायेगा।जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के पास रीडिंग हैबिट होना बहुत ही आवश्यक है इससे ज्ञान की शक्ति का संचार होता है और टीचर का बेहतर कम्युनिकेशन होना बहत ही जरूरी होता है क्योंकि इसमें बच्चों का भविष्य निहित होता है और सबसे बड़ी बात है शिक्षा की क्वालिटी पर बेहतर सुधार किये जाने चाहिए और मेहनत और लगन के साथ बच्चे को शिक्षा देनी चाहिए क्योंकि गुरू सर्वश्रेष्ट और पूज्यनीय माना गया है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा एवं बेसिक शिक्षा विभाग में कई तरह के प्रोग्राम चलाये गए थे जो उन्हें नियमतः चाल रखा जाए और पी0टी0एम0 भी कराया जाना सुनिश्चित किया जाए और छात्र एवं छात्राओं के अभिभावकों से बच्चे के विकास के विषय जानकारी ली एवं दी जाए और लगातार एनवल फंक्शन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए और उस मी दर निम्न वे प्रोग्राम में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगितायें करायी जाए जिससे उनके अन्दर छिपी हुई प्रतिभा को निखारा जा सके और छात्र एवं छात्राओं का पूर्व वर्ष की भांति हर विभाग के ऑफ्सिों का टूअर कराया जाना सुनिश्चित किया जाए जिससे उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व में निखार आयेगा।उन्होंने कहा कि जो पुराने छात्र एवं छात्रायें शिक्षा ग्रहण कर विद्यालय छोड़कर चले जाते हैं न उन्हें एलुमनाई के माध्यम से जोडने का कार्य किया जाए और उनसे भी बेहतर शिक्षा के विषय में विचारविमर्श कर विद्यालयों में लागू किया जाए। उन्होंने बताया कि अभी तक हम छात्र निर्माण संवाद के माध्यम से 22000 छात्र एवं छात्राओं से र मिल चके हैं और उनके बेहतर विकास के लिए उन्हें प्रेरित भी कर रहे हैं। इससे उनकी पर्सनालिटी ना डेपलप होगी